होली में महंगी शराब, भ्रष्टाचार की रंगीन होली खेल रहा आबकारी विभाग!”

13.03.2025 बोड़ला में सरकारी शराब दुकानों पर मनमानी दरें, 30 से 100 रुपये तक की अवैध बढ़ोतरी
कवर्धा। छत्तीसगढ़ में शराब नीति को लेकर सरकार चाहे जितने दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। होली जैसे बड़े त्योहारी सीजन में जब शराब की मांग चरम पर होती है, तब सरकारी शराब दुकानों को अवैध कमाई का अड्डा बना दिया जाता है।
बोड़ला क्षेत्र में संचालित विदेशी मदिरा दुकान में इन दिनों शराब के दामों में मनमानी वृद्धि कर दी गई है। प्रति पौवा (180 ml) 30 रुपये तक और प्रति लीटर 100 रुपये तक अतिरिक्त वसूला जा रहा है। यह न केवल खुलेआम लूट है, बल्कि यह साबित करता है कि शराब दुकानों और आबकारी विभाग के अधिकारियों के बीच गहरी साठगांठ है।
आबकारी विभाग की मिलीभगत, उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा डाका
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि यह अवैध वसूली आबकारी अधिकारियों के निर्देश पर की जा रही है। विभाग के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि,
“पूरे जिले में शराब दुकानों को निर्देश दिया गया है कि त्योहारों के समय अधिकतम लाभ कमाने के लिए दरें बढ़ा दी जाएं। इस अतिरिक्त कमाई का बड़ा हिस्सा आबकारी अधिकारियों की जेब में जाता है। होली, दिवाली और नए साल जैसे अवसरों पर यह गोरखधंधा और भी तेज हो जाता है।”
इस बयान से यह स्पष्ट हो जाता है कि कबीरधाम जिले में शराब दुकान संचालकों और आबकारी अधिकारी के बीच अवैध लेन-देन का मजबूत गठजोड़ है।
हर साल दोहराया जाता है गोरखधंधा, लेकिन प्रशासन मौन
यह पहली बार नहीं है जब होली के मौके पर शराब के दाम बढ़ाए गए हों। पिछले साल भी इसी तरह से शराब दुकानों में अवैध तरीके से अधिक दर पर बिक्री की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। हर बार शिकायतें दर्ज होती हैं, परंतु जिला प्रशासन इस पर मौन साध लेना विभाग को संरक्षण देने की ओर इशारा करता है।
शराब दुकान का वीडियो हुआ वायरल, फिर भी कार्रवाई नहीं
सोशल मीडिया पर बोड़ला शराब दुकान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दुकानदार द्वारा अधिक कीमत पर बिक्री किए जाने को लेकर उपभोक्ताओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं और पूछे जाने पर दुकान संचालक द्वारा बचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आखिर कब जागेगा प्रशासन?
आबकारी विभाग का कार्य शराब की बिक्री को नियंत्रित करना और अवैध वसूली रोकना है, लेकिन जब वही विभाग खुद इस धंधे में लिप्त हो, तो जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?
अगर जल्द ही इस अवैध लूट पर रोक नहीं लगी, तो होली पर्व के बाद यह मामला और गहराएगा। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत इस विषय पर संज्ञान ले और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। नहीं तो यह साफ हो जाएगा कि सरकार की शराब नीति सिर्फ शराब माफिया और अधिकारियों की जेब भरने के लिए बनाई गई है, न कि जनता के हित में।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस खबर के बाद भी प्रशासन कार्रवाई करता है या हमेशा की तरह इस गोरखधंधे को अनदेखा कर देता है।