ग्राम पंचायत बचेड़ी में मिला लावारिस सांभर का शिंग, वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत जांच शुरू

कवर्धा, 30 अप्रैल 2025 — कबीरधाम ज़िले के ग्राम पंचायत बचेड़ी में बुधवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब गांव के पास एक झाड़ी में लावारिस हालत में सांभर (एक संरक्षित वन्यजीव) का शिंग पड़ा मिला।
वन विभाग ने की त्वरित कार्रवाई
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शिंग को अपने कब्जे में लेते हुए जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक अनुमान है कि यह शिंग किसी अवैध शिकार की ओर इशारा करता है। विभाग ने घटनास्थल के आसपास तलाशी अभियान भी चलाया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि, “सांभर भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-III में सूचीबद्ध जानवर है। इसके शिकार, अंगों की तस्करी या अवैध कब्जे पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच किया जा रहा है और अपराधियों का जल्द ही पता लगाया जाएगा।”
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत क्या है प्रावधान?
भारत का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 एक प्रमुख कानून है जो वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसके अंतर्गत:
अनुसूची-I और II में सूचीबद्ध जानवरों का शिकार, पकड़ना, अंगों का संग्रह या तस्करी पूरी तरह से गैरकानूनी है।
दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल की सजा और कम से कम 10,000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
ग्रामीणों से की गई अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि अगर किसी ने हाल के दिनों में संदिग्ध गतिविधियां देखी हों, तो वे विभाग को तुरंत सूचित करें। विभाग का कहना है कि जनता की सहायता से ही अपराधियों तक पहुंचना संभव होगा।
