Blog

कवर्धा में पत्रकार पर हमला बना आग का शोला: पुलिस की ढिलाई से उबले पत्रकार, चक्का जाम और प्रदेशव्यापी आंदोलन की दी चेतावनी


कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में पत्रकार पर हुए हमले ने पूरे मीडिया जगत को झकझोर दिया है। शुक्रवार शाम एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर और कैमरामैन पर हुए हमले के बाद मामला अब तूल पकड़ चुका है। हमले का आरोप जी.एस. मसाला और पानी बोतल कंपनी के मालिक संदीप गुप्ता और गणेश गुप्ता पर है। लेकिन सबसे शर्मनाक पहलू ये है कि पुलिस ने न केवल मामले को दबाने की कोशिश की, बल्कि FIR दर्ज करने में भी 6 घंटे लगा दिए। इसके बाद शिकायत यह आती है कि पुलिस ने फर्जी FIR दर्ज की है।

घटना के बाद से कवर्धा जिले के सभी पत्रकार एकजुट हो गए हैं। शनिवार दोपहर से ही पत्रकार साथी शहीद स्मारक उद्यान में धरने पर बैठ गए, लेकिन प्रशासन को उनकी बात सुनने में पूरे 5 घंटे लग गए, जबकि धरनास्थल जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर था।

अब पत्रकारों ने सीधी चेतावनी दी है – यदि आरोपियों की गिरफ्तारी सोमवार दोपहर 1 बजे तक नहीं हुई, तो कवर्धा में प्रदेशभर के पत्रकार जुटेंगे और यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की भी चेतावनी दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार शाम करीब 5 बजे, पत्रकार संजय यादव और उनके कैमरामैन कवर्धा में जी.एस. मसाला कंपनी की रिपोर्टिंग कर रहे थे। तभी कंपनी मालिकों ने रिपोर्टिंग रोकने की कोशिश की और संजय यादव के गले को पकड़कर मारने का प्रयास किया। इस दौरान कैमरामैन के दो मोबाइल फोन लूट लिए गए, तीसरा मोबाइल भी छीने जाने की कोशिश हुई।

पत्रकार किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागे। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि इस गंभीर हमले की एफआईआर दर्ज करने में पुलिस ने 6 घंटे लगा दिए। रात 11 बजे जाकर मामला दर्ज हुआ — वो भी तब, जब पत्रकारों ने दबाव बनाया।

पुलिस की भूमिका: जिम्मेदार या मूकदर्शक?

एक ओर पत्रकारों पर जानलेवा हमला, दूसरी ओर पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली। एफआईआर में देरी, आरोपियों की गिरफ्तारी में टालमटोल और प्रदर्शनकारियों की अनदेखी — ये साफ दर्शाता है कि कवर्धा पुलिस न तो पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है, और न ही निष्पक्ष कार्रवाई के मूड में।

जब प्रदर्शनकारी घंटों धरने पर बैठे थे, तब प्रशासन सोता रहा। अंततः जब पत्रकारों ने चक्का जाम और प्रदेशव्यापी आंदोलन की धमकी दी, तब जाकर CSP पंकज पटेल मौके पर पहुंचे। इससे साफ है कि पुलिस की संवेदनशीलता सवालों के घेरे में है।

पत्रकारों की पांच प्रमुख मांगें:

पत्रकार संजय यादव पर दर्ज फर्जी FIR को तत्काल रद्द किया जाए।

कौरपानी बॉटर और जी.एस. मसाला कंपनी की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाए।

संदीप गुप्ता और गणेश गुप्ता को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए।

भविष्य में संजय यादव या उनके परिवार के किसी सदस्य को नुकसान होता है तो जिम्मेदारी आरोपियों की होगी।

यदि 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं हुई तो रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम और बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button