जिला अस्पताल कवर्धा के पीछे गंदगी का अंबार, खुले में पड़े मेडिकल कचरे से स्वास्थ्य संकट

अस्पताल खुद बीमार

कवर्धा: जिला अस्पताल कवर्धा, जहाँ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ देने का दावा किया जाता है, उसके ठीक पीछे का हालात बेहद चिंताजनक हैं। अस्पताल परिसर के पीछे मेडिकल डिस्पोजल जैसे इंजेक्शन, इस्तेमाल की गई दवाइयाँ, ग्लूकोज की बोतलें और अन्य जैविक कचरा खुले में पड़ा हुआ है। इस गंदगी और लापरवाही से मरीजों, उनके परिजनों और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
खुले में पड़ा मेडिकल कचरा बना खतरा
इस क्षेत्र में अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों के छोटे-छोटे बच्चे इन इस्तेमाल किए गए इंजेक्शनों और दवाओं से खेलते देखे जा सकते हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। वहीं, आवारा मवेशी, विशेष रूप से गायें, इस कचरे को खा रही हैं, जिससे उनके जीवन पर भी संकट गहराता जा रहा है।
संक्रमण और बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, अस्पताल से निकलने वाला जैविक कचरा यदि सही तरीके से निस्तारित न किया जाए, तो इससे गंभीर बीमारियाँ फैल सकती हैं। इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन और दवाइयाँ संक्रमित हो सकते हैं, जिससे बच्चों और अन्य लोगों को जानलेवा बीमारियाँ हो सकती हैं।
अस्पताल परिसर और उसके आसपास नियमित सफाई कराई जाए।
मेडिकल कचरे के सुरक्षित निस्तारण की व्यवस्था हो।
*अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए।*
यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह एक बड़े स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकता है। प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेकर उचित कदम उठाने होंगे, ताकि कवर्धा जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

