Blog

कबीरधाम: बीईओ कार्यालय में बिना “रंग” चढ़ाए नहीं होता काम, पेंशनधारियों के अरमान “धूल” में!

कवर्धा। होली का त्योहार आते ही हर तरफ रंगों की धूम मची हुई है, लेकिन कवर्धा बीईओ कार्यालय में बिना “चमकीला नोटों का गुलाल” चढ़ाए किसी का काम नहीं होता! पेंशन प्रकरण में महीनों से भटक रहे लाभार्थी अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक “साहब की पिचकारी” से बहाने निकलते रहेंगे और उनकी पेंशन फाइलें धूल फांकती रहेंगी?

पेंशन के लिए “चक्कर घिन्नी”, साहब का बहानों वाला “गुलाल

सूत्रों के मुताबिक, कवर्धा बीईओ कार्यालय में सालभर से लंबित पेंशन प्रकरणों को लेकर लाभार्थियों को ऐसा घुमाया जा रहा है जैसे वे होली के “फाग नृत्य” का हिस्सा हों! कुछ मामलों में तो यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद विधवा को मिलने वाली पेंशन तक को साहब ने “रंगीन फाइलों” में दफन कर दिया है।

लाभार्थियों का कहना है कि बिना “अर्थ का अबीर” उड़ाए साहब किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं करते। अगर कोई चाय-पानी का रंग नहीं लगाता, तो उसकी फाइल का रंग भी फीका ही रहता है। एक पीड़ित ने बताया कि साहब के कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते अब तक हजारों रुपये “चाय-पानी” में बहा चुके हैं, लेकिन पेंशन अभी तक स्वीकृत नहीं हुई।

कवर्धा बीईओ कार्यालय में “रंग भरो, काम लो” स्कीम!

सुनने में आया है कि साहब की “ऊपर तक” अच्छी पकड़ है, और वे हर काम को “आर्थिक होली” की तरह देखते हैं—जिसमें जितना बड़ा रंग डाला जाए, उतनी जल्दी काम होता है! अगर जेब खाली है, तो आपकी फाइल भी साहब की टेबल पर सूखी पड़ी रहेगी।

होली के बहाने जनता ने चेताया, “साहब का होलिका दहन जरूरी!

पेंशनधारियों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इन पेंशन प्रकरणों का निपटारा नहीं हुआ, तो इस बार होली पर असली “होलिका दहन” साहब की भ्रष्टाचार भरी फाइलों का होगा!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button