छत्तीसगढ़

कवर्धा विधानसभा में स्वीकृत विकास व निर्माण कार्यो से सिर्फ अधिकारी, सत्ताधारी नेताओं और उनके ठेकेदार भर रहे अपनी तिजोरियां: आकाश केशरवानी

 

 

वन विभाग ने खारा वन परिक्षेत्र में बनवाए बगैर वर्क आर्डर के औचित्यहीन कई रपटा

लाखों के रपटा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार 

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री की मंशा क्षेत्र का विकास या फिर अधिकारी, सत्ताधारी नेताओं व ठेकेदारों की तिजोरी भरना

कवर्धा। शासन द्वारा विकास एवं निर्माण कार्यो के नाम पर सरकारी खजाने से स्वीकृत की जा रही राशि से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में किस तरह सरकारी विभाग के अधिकारी अपनी तिजोरियां भर रहे हैं इसकी एक बानगी जिले के वन विभाग में साफ देखी जा सकती है। वन विभाग के इस बड़े भ्रष्टाचार व अनियमितता की कलई व पोल खोलते हुए प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव आकाश केशरवानी ने बताया कि शासन ने विधानसभा कवर्धा अंतर्गत विकासखण्ड बोड़ला के वन परिक्षेत्र खारा के तीन मार्गो में कुल 16 नग रपटा निर्माण के लिए प्रति रपटा करीब 7 से 8 लाख रूपए की राशि स्वीकृत कर निर्माण कार्य का जिम्मा वन विभाग को दिया था। जिसमें ग्राम बोदा 47 से करमंदा-भुतहा से कोयलारी मार्ग में 6 तथा ग्राम बोदा 47 से मोतिमपुर मार्ग में 6 तथा बोदा 47 से गर्रा जाने वाले मार्ग पर गोठान से लेकर जोगीगुफा के नीचे कुल चार रपटा का निर्माण वन विभाग द्वारा कराया गया है। लेकिन श्री केशरवानी ने बताया कि कार्य एजेंसी वन विभाग ने ग्राम बोदा 47 से करमंदा-भुतहा से कोयलारी मार्ग में 6 तथा बोदा 47 से मोतिमपुर मार्ग में 6 रपटा का निर्माण तो बकायदा वर्क आर्डर जारी कर किया है लेकिन जहां तक बोदा 47 से गर्रा जाने वाले मार्ग पर गोठान से लेकर जोगीगुफा में निर्मित कराए गए रपटा की बात की जाए तो इनका निर्माण बगैर वर्क आर्डर के ही पूरा कर दिया गया है और वह भी इन रपटा का निर्माण मार्ग घनघोर जंगल के बीच ऐसे स्थानो पर किया गया है जहां इनका न कोई उपयोग है और न ही कोई औचित्य है।

आकाश केशरवानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग के वन मण्डलाधिकारी, क्षेत्र के एसडीओ तथा रेंजर ने मिली भगत कर इन रपटा निर्माण कार्यो में भारी अनियमितता तथा भ्रष्टाचार करते हुए सिर्फ और सिर्फ अपनी तिजौरियां भरी है। उन्होने बताया कि एक तो रपटा निर्माण कार्य बगैर वर्क आर्डर के कराया गया है और उस पर भी सभी रपटा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरतते हुए रपटा निर्माण की सिर्फ औपचारिकता ही पूर्ण की गई है। आकाश केशरवानी ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री विजय शर्मा पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि श्री शर्मा प्रदेश के मंत्री होने के नाते अपने विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा करोड़ों के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यो की स्वीकृति तो करा रहे हैं लेकिन उन्हें ये देखने की फुर्सत नहीं है कि इन स्वीकृत विकास व निर्माण कार्यो का निर्माण किस मंशा से विभाग के अधिकारी और उनके ठेकेदार कर रहे है? क्षेत्र की जनता की सुविधा और सहूलियत के नाम से स्वीकृत कराए जा रहे ये कार्य क्या वास्तव में लोगों के लिए उपयोगी हंै या सिर्फ इनके नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है यह देखने और सुनने वाला भी कोई नहीं है। ऐसे में श्री केशरवानी ने इस बात की भी आशंका जताई है कि कहीं ऊपर से नीचे तक दाल में कुछ काला तो नहीं है। उन्होने शासन प्रशासन से वन विभाग द्वारा कराए गए इन तमाम रपटा निर्माण कार्यो की निष्पक्ष जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। 

नियम विरूद्ध बाहरी ठेकेदार से कराया गया निर्माण कार्य

प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव आकाश केशरवानी ने इस बात का भी ख्ुालासा किया है कि वन विभाग ने वन परिक्षेत्र खारा में निर्मित कराए गए रपटा का निर्माण में विभागीय एवं शासकीय नियम व प्रावधानो की भी जमकर अनदेखी की है। उन्होने बताया कि नियमानुसार विभाग को इन निर्माण कार्यो के लिए निर्माण सामग्री क्रय कर स्थानीय बेरोजगार मजदूरों से निर्माण कार्य कराना था। ताकि उन्हें रोजी रोजगार उपलब्ध हो सके। लेकिन विभाग द्वारा निर्माण कार्यो का ठेका बिलासपुर के किसी ठेकेदार को दिया गया था। जिसके द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर निर्माण कार्य में भारी अनियमितता तथा भ्रष्टाचार करते हुए रपट निर्माण के नाम पर सिर्फ लीपापोती की है और अपनी तिजोरियां भरी हैं। इस बात की आशंका इस बात से भी जाहिर हो रही है कि विभाग जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर गोलमोल जवाब दे रहा है और सही जानकारी देने से कतरा रहा है।

मजदूरों का नहीं किया गया मजदूरी का भुगतान 

हद तो ये है कि वन विभाग के इस निर्माण कार्य में काम करने वाले मजदूरों को निर्माण कार्य पूर्ण होने के महिनो बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि इस संबंध में मजदूर गत 16 अक्टूबर को डीएफओ कबीरधाम को अपनी मांग व समस्या से संबंधित ज्ञापन भी सौंप चुके हैं वहीं दो जनवरी को भी विभाग द्वारा ठगे गए, इन मजदूरों द्वारा बकायदा कवर्धा आकर डीएफओ से गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन दुर्भागय का विषय है कि इन मजदूरों से न तो डीएफओ मिले और ना ही उन्हें आज पर्यंत तक उनकी खून पसीने से कमाई गई मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। आकाश केशरवानी ने कहा कि ऐसे में समझा जा सकता है कि वास्तव में सरकार द्वारा प्रदेश के उप मुख्यमंत्री की विधानसभा कवर्धा में स्वीकृत किए जा रहे विकास एवं निर्माण कार्यो की वास्तविक मंशा क्या है?

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