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कवर्धा में ठेकेदार की दबंगई: नगर पालिका के कबाड़ पर किया अवैध कब्जा, अधिकारी खामोश

कवर्धा। नगर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों के बीच नगर पालिका के कबाड़ पर ठेकेदार के अवैध कब्जे का मामला प्रकाश में आया है। ठेकेदार ने नगर के चौक-चौराहों में पहले से लगी लोहे की जालियां और अन्य कीमती कबाड़ अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन नगर पालिका अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या यह मिलीभगत का नतीजा है या फिर अधिकारियों की अनदेखी?

चौक सौंदर्यीकरण के नाम पर कबाड़ पर कब्जा

नगर पालिका परिषद कवर्धा ने नगर के प्रमुख चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण एवं नए चौक निर्माण का ठेका एक पुराने और चर्चित ठेकेदार को दिया है। नियमों के मुताबिक, निर्माण कार्य के दौरान हटाई गई सामग्री नगर पालिका की संपत्ति होती है और उसकी नीलामी की प्रक्रिया होनी चाहिए। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। ठेकेदार ने खुद ही कबाड़ को अपने अधिकार में ले लिया।

क्या लाखों रुपये के लोहे का खेल?

सूत्रों के अनुसार, इस कबाड़ में लोहे की जालियां, रेलिंग, और अन्य धातु की सामग्री शामिल है, जिसकी कीमत लाखों रुपये में हो सकती है। परंतु नगर पालिका ने इसे वापस लेने या नीलामी करने की कोई पहल नहीं की। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ठेकेदार और नगर पालिका के बीच कोई गुप्त समझौता हुआ है?

अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल नगर पालिका अधिकारियों की भूमिका पर उठता है। आखिर किसके आदेश से ठेकेदार ने कबाड़ पर कब्जा किया? अगर यह वैध है तो इसकी नीलामी क्यों नहीं हुई? क्या पालिका प्रशासन जानबूझकर आंखें मूंदे बैठा है?

नगरवासियों की मांग – हो निष्पक्ष जांच

इस मामले के सामने आने के बाद नगरवासियों में आक्रोश बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर नगर पालिका अपनी ही संपत्ति की रक्षा नहीं कर सकती, तो फिर आम नागरिकों की सुविधाओं की देखरेख कैसे करेगी? नगरवासियों ने जिला प्रशासन से इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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